चिकित्सा शिक्षा संचालनालय:एमबीबीएस में सरकारी स्कूलों के छात्रों के लिए 192 सीटें रिजर्व, हर एक सीट पर 3 कैंडिडेट के बीच होगी प्रतिस्पर्धा
चिकित्सा शिक्षा संचालनालय:एमबीबीएस में सरकारी स्कूलों के छात्रों के लिए 192 सीटें रिजर्व, हर एक सीट पर 3 कैंडिडेट के बीच होगी प्रतिस्पर्धा
पहली बार राज्य सरकार ने मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में एमबीबीएस, बीडीएस कोर्सेस की 5 फीसदी सीटें सरकारी स्कूलों के स्टूडेंट्स के लिए रिजर्व की हैं। चिकित्सा शिक्षा संचालनालय (डीएमई) द्वारा आयोजित की जा रही नीट यूजी काउंसलिंग के तहत एमबीबीएस की 192 सीटें सरकारी स्कूलों के लिए रिजर्व की गई हैं। सरकारी कॉलेजों में 95 और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में 97 सीट हैं। वहीं बीडीएस की 60 सीट रिजर्व की गई हैं।
डीएमई ने रजिस्टर्ड कैंडिडेट्स की एमपी स्टेट कंबाइंड नीट यूजी काउंसलिंग-2023 की मेरिट लिस्ट जारी कर दी है। इस मेरिट में सरकारी स्कूल से पढ़ाई करने वाले 678 स्टूडेंट शामिल हैं। यानी एमबीबीएस की हर एक सीट के लिए 3 उम्मीदवार कतार में हैं। एमबीबीएस और बीडीएस दोनों कोर्सेस में कुल 252 सीट रिजर्व हैं। इस तरह देखा जाए तो यहां हर एक सीट पर दो उम्मीदवार हैं।
सरकारी स्कूल से पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स के इतनी संख्या में दावेदारी जताने पर इसी कोटे के स्टूडेंट सवाल खड़े कर रहे हैं। उम्मीदवारों ने मुख्यमंत्री, चीफ सेक्रेटरी, डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन सहित विभागीय अधिकारियों को इस बारे में शिकायत की है। इसमें कहा गया है कि इस कोटे का लाभ लेने के लिए मुरैना जिले के स्टूडेंट अपात्र होने के बाद भी अनुचित तरीके से प्रमाणपत्र (तय प्रोफार्मा) जारी करवा रहे हैं। इससे मेरिट प्रभावित होने की आशंका है।
इनका कहना है कि इस कोटे का लाभ लेने के लिए स्टूडेंट तय मापदंड पूरा कर रहे हैं या नहीं, इसे प्रमाणित करने का कोई फुल प्रूफ मैकेनिज्म भी विभाग के पास नहीं हैं। जिन्हें प्रमाणपत्र जारी हुए हैं उनके दस्तावेजों की जांच की जाए। अन्य जिलों में भी ऐसा हो सकता है। डीएमई द्वारा इस नए कोटे के लिए प्रोफार्मा-10(अ) जारी किया है। इसे स्कूल शिक्षा विभाग और जनजातीय कार्य विभाग के सक्षम अधिकारियों द्वारा प्रमाणित करना होगा। फर्स्ट राउंड का सीट अलॉटमेंट 7 अगस्त को जारी होगा।
कैंडिडेट्स की आपत्ति...
नियमानुसार ऐसे स्टूडेंट्स के लिए 5% सीट रिजर्व की गईं, जिन्होंने सरकारी स्कूलों से छठवीं से 12वीं तक पढ़ाई की हो या आरटीई से प्रवेश लेकर 1 से 8वीं तक निजी स्कूल से पढ़ आगे 12वीं तक सरकारी स्कूल से पढ़े हों। पर, उन्हें प्रमाणपत्र जारी किए, जिन्होंने 1 से 8वीं तक की पढ़ाई के लिए निजी स्कूल में आरटीई से दाखिला नहीं लिया और सरकारी स्कूल में 9 वीं से पढ़ाई शुरू की।
मेरिट में शामिल सरकारी स्कूलों के स्टूडेंट्स
- 678 कुल कैंडिडेट्स मेरिट में शामिल हैं सरकारी स्कूलों के।
- 341 मेरिट में शामिल सरकारी स्कूल की फीमेल कैंडिडेट्स।
- 337 मेरिट में शामिल सरकारी स्कूल के मेल कैंडिडेट्स ।
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