उड़ीसा और छत्तीसगढ़ बॉर्डर में शहीद वीर नारायण सिंह और अंग्रेजों के बीच हुए युद्ध भूमि को वीर घाटी के रूप में विकास का आश्वासन| पंचायतीराज न्यूज़

उड़ीसा और छत्तीसगढ़ बॉर्डर में  शहीद वीर नारायण सिंह और अंग्रेजों के बीच हुए युद्ध भूमि को वीर घाटी के रूप में विकास का आश्वासन| पंचायतीराज न्यूज़ 
शहीद वीर नारायण सिंह शहादत दिवस 10 दिसंबर सोनाखान जिला बलौदाबाजार के लिए माननीय श्री विष्णुदेव साय जी मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन को न्यौता देने के लिए माननीय श्री नीलकंठ टेकाम जी विधायक केशकाल, प्रदेश अध्यक्ष गोंडवाना गोंड महासभा एवं श्री शिशुपाल शोरी पूर्व विधायक, राष्ट्रीय अध्यक्ष गोंडवाना गोंड महासभा, श्री महेश गागड़ा पूर्व मंत्री छत्तीसगढ़ शासन, श्री राजेंद्र राय पूर्व विधायक बालोद, श्री राजेंद्र दीवान वंशज शहीद वीर नारायण सिंह संस्थान सोनाखान ,श्री लोकेंद्र सिंह राष्ट्रीय महासचिव गोंडवाना गोंड महासभा,श्री गणेश ध्रुव सदस्य अनुसूचित जनजाति आयोग छत्तीसगढ़, श्री आर.एन. ध्रुव प्रदेश अध्यक्ष अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ छत्तीसगढ़ के नेतृत्व में मिले। माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा कार्यक्रम में आने की सहमति प्रदान किये। इस अवसर पर वीर भूमि सोनाखान के विकास हेतु विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई। नया रायपुर में स्थित शहीद वीर नारायण सिंह स्टेडियम में शहीद वीर नारायण सिंह का स्टेचू लगाने एवं उड़ीसा और छत्तीसगढ़ बॉर्डर में सिंघोड़ा के पास शहीद वीर नारायण सिंह और अंग्रेजों के बीच हुए युद्ध भूमि को वीर घाटी के रूप में समुचित विकास का आश्वासन दिए। माननीय मुख्यमंत्री जी ने सर्व आदिवासी समाज के शपथ ग्रहण समारोह 7 दिसंबर को रायपुर में एवं बालोद तहसील के निमंत्रण को स्वीकार करते हुए बालोद जिला के गुरुर में फरवरी में आयोजित होने वाले आदिवासी सम्मेलन में आने की सहमति प्रदान किये।
इस अवसर पर एम आर ठाकुर प्रांतीय महासचिव सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़, श्री फूलसिंह नेताम प्रांतीय कोषाध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़,श्रीमती बसंता ठाकुर प्रदेश अध्यक्ष महिला प्रभाग गोंडवाना गोंड महासभा, श्री चौरसिया जी, श्री देहारी जी श्री एस.पी. ध्रुव जिला अध्यक्ष महासमुंद ,श्री अकत ध्रुव जिला अध्यक्ष मुंगेली, श्रीमती उत्तरा मरकाम अध्यक्ष गुरुर जिला बालोद,श्री भागसिंह ठाकुर जिला अध्यक्ष गरियाबंद,श्री डमरूधर मांझी,रवि ध्रुव,शिव प्रसाद ध्रुव सहित बड़ी संख्या में सामाजिकजन की उपस्थिति थे।

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