सियाराम बाबा को अंतिम बिदाई *संत सियाराम बाबा पंचतत्व में विलीन*
- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अंत्येष्टि में शामिल होकर श्रद्धाजंलि अर्पित की
- मुख्यमंत्री ने सियाराम बाबा आश्रम तेली भट्टयाण को धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की घोषणा की
- लाखों श्रद्धालुओं ने निमाड़ के संत को दी अंतिम भावभीनी विदाई.
*खरगोन।* निमाड़ के प्रसिद्ध संत, मां नर्मदा के वरद पुत्र संत सियाराम बाबा का मोक्षदा एकादशी, बुधवार को प्रातः 6:10 बजे देवलोकगमन हो गया। वे बीते 10 दिन से बीमार चल रहे थे। संतश्री के अंतिम दर्शनों के लिए खरगोन जिले के नर्मदा तट तेली भटियाण स्थित उनके आश्रम पर सुबह से शाम तक लाखों श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। संत श्री के अंतिम दर्शन एवं उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी आश्रम पर पहुंचे। दोपहर बाद संत श्री सियाराम बाबा की पार्थिव देह को वैष्णव संप्रदाय बड़वाह से आए संतो ने मुखाग्नि दी देकर कपाल क्रिया की। श्रद्धालुओं ने अश्रुपूरित नेत्रों से अपने प्रिय संत को अंतिम विदाई दी।
इस अवसर पर क्षेत्रीय जनता के साथ पत्रकार सहित बड़ी संख्या में संत समाज जनप्रतिनिधि व श्रद्धालु उपस्थित थे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नर्मदा तट स्थित संत सियाराम बाबा के आश्रम को धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की घोषणा की। उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा संत श्री सियाराम बाबा न सिर्फ निमाड़ अपितु समूचे मध्य प्रदेश की जनता के लिए प्रेरणा स्रोत होकर श्रद्धा के केंद्र थे। उनके देवलोकगमन पर समूचे मध्य प्रदेशवासियों की ओर से श्रद्धासुमन अर्पित करता हूं। आपने त्याग, तप और भक्ति की त्रिवेणी से मां नर्मदा के इस पावन तट के साथ ही संपूर्ण प्रदेश को आध्यात्मिक प्रकाश से आलोकित किया।
आपके देवलोकगमन से सनातन संस्कृति के अविरल प्रवाह में शून्यता का अनुभव हो रहा है। लोक कल्याण को आपने ईश्वर भक्ति का मार्ग बताया है, जिसे आत्मसात कर हम जन-जन के उत्थान के लिए प्रयास में सदैव समर्पित रहेंगे।
जयंत गुप्ता खरगोन
0 टिप्पणियाँ